पराली : समाधान तो हैं नीयत नहीं

आनंद प्रकाश द्वारा लिखित दावानल सी पराली, गैस चैंबर मैं परिवर्तित दिल्ली, बेचैन किसान, संवेदनहीन सरकारँ और दम घुट घुट कर मरते लोग…. लोगों की ये दुर्दशाकुरसी है चुपचाप।सुनता कोई भी नहींभाजपा ना आप।। आखिर इन सरकारों के कान पर जूं रेंगे भी, तो रेंगे कैसे ? इसके लिए किन्ही भी उपायों के माध्यम से इन्हें यह मानने के लिए
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