Category Archives: हिंदी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस – एक अविस्मरणीय घटना

पूजा चौहान का लेख नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक उड़ीसा के नामी वकील जानकीनाथ बोस के यहां 23 जनवरी 1897 में हुआ। उनकी माता जी का नाम प्रभावती बोस था । वे बचपन से ही मेधावी छात्र थे उनके पिता जानकीनाथ बोस उन्हें ICS( इंडियन सिविल सर्विसेज) का ऑफिसर बनाना चाहते थे। उन्होने 1916 मे उन्होंने कोलकाता के

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मानवता की अद्वितीय मिसाल

पूजा चौहान का लेख मौसमी मोहंती, उड़ीसा भद्रक के मंदारी गांव निवासी, ने अपनी अच्छी आर्थिक स्थिति ना होने के बाद भी, समाज में मानवता की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की है। महज शादी के 8 दिनों के बाद, मौसमी के पति, अभिषेक महापात्र (28) को कोरोना हो गया। उसे 13 मई 2021 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हे फेफड़ों

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साहस व सूझबूझ -‘योगिता सातव’।

पूजा चौहान का लेख पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में एक 42 वर्षीय महिला ने महिलाओं और बच्चों को ले जा रही एक मिनी बस को अपने नियंत्रण में उस वक्त ले लिया जब उसका ड्राइवर अचानक ही दिल का दौरा पड़ने से मूर्छा में जाने लगा। 7 जनवरी को हुई इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो

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अलख

पूजा चौहान द्वारा लिखी एक कविता जीवन की रुनझुन आभा ने,स्वप्नों को बस छेड़ा है। आज मधुरमय जीवन ने,अंतर्मन को यूं छुआ है।अभिलाषा आकांक्षाओं ने,फिर से नाता जोड़ा है॥ जीवन रथ गतिमय रखने को,फिर साहस हमने पाया है।सतरंगी ऊर्जा प्रवाह ने,हृदय में अलख जगायी है॥ उम्र की यह दूजी पारी,अब फिर से यौवन लायी है।जीवन रश्मि का यह उपहार,अब नयी

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परिंदे कब पिंजरे में हैं रहते

शैली कपिल कालरा द्वारा लिखी कविता देखा है परिंदों कोपिंजरों में कैद होते हुएआसमान को देखतेऔर रुकसत होते हुए पिंजरे तो अक्सर हम हैं बनातेउम्मीद के पर भी ….हम हैं काटतेफिर दोष है कैसेसृष्टि का या क्रमों का परिंदे हैंउड़ान भरने के लिएना कल रुकेना रुकेंगे आज छूने आए आसमानछूकर ही जाएँगे परिंदे कब पिंजरे में हैं रहतेआज हैं अगरकल

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घरों में कमरे कमरों में घर

शैली कालरा की लिखित कविता वो जमाने थे जब घरों में कमरे सहूलियत के लिये बनते कभी हम खुद कभी चीज़ों को रख दिया करते कमरों में नहींघरों में थे हम रहते। हुआ करते थे घर कुछ ऐसेजहाँ खिड़कियाँ ज़्यादादरवाज़े कम हुआ करतेखिड़कियाँ खुलीदरवाज़े बंद रहते घर ऐसेजिनमे रौशनदान होतेथी रसोई ऐसीजहां नंगे पाँव जातेरोशन थे घर सबकेखिलखिलाती हँसीऔर मुस्कुराते चहरे घर !जहाँ छोटे

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कोरोना : इतनी दर्दनाक मौत कि मौत को भी रोना आ जाए

आनंद प्रकाश द्वारा लिखित कोरोना वायरस और हम : बड़ी असहज स्थिति है। एक टीस,खलिश, चुभन और दर्द का ऐसा अहसास, जो मन को बेबसीऔर निराशा की गहरी परतों में लपेट लेता है। जब भी मैं देखता हूं सड़कों पर लापरवाह लोग, दुकानों के आगे भीड़, गली मोहल्लों में खेलते, लड़ते, झगड़ते बच्चे और महिलाओं की बिंदास गोष्ठियां ! ना

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उत्तराखंड: बच्चों को स्थानीय संस्कृति सिखाने के लिए सरकारी शिक्षक संगीत एल्बम तैयार कर रहे है।

प्रेरणा मेहरोत्रा द्वारा लिखित शाहिद की जानकारी पर आधारित। उत्तरकाशी- स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने और बच्चों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए, सरकारी शिक्षकों का एक समूह गढ़वाली में एक संगीत एल्बम लेकर आया है। 14 गढ़वाली गीतों से युक्त यह एल्बम उत्तराखंड के इतिहास पर आधारित है। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) ने हाल

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छंटने वाला है कोविद-19 का अंधेरा।

प्रेरणा मेहरोत्रा द्वारा लिखित मीता कपूर की जानकारी पर आधारित।  किसी ने खूब कहा है कि सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख की ये प्रतिक्रिया चलती ही रहती है। अगर हम बात करें 2020 की तो इस साल की शुरुवात से ही पूरी दुनिया कई परेशानियों  का सामना कर रही है कहीं भूकंप के झटके, कहीं तूफान,

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भारत सरकार द्वारा उठाये गए कुछ सकारात्मक कदम।

प्रेरणा मेहरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित, शाहिद और मीता की दी जानकारी पर आधारित। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों के लिए नौकरियां पैदा करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की नई योजना शुरू की. नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनोवायरस प्रकोप और लॉकडाउन के बीच घर लौट रहे प्रवासी कामगारों के लिए ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा

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