“बुलंद इरादे और हिम्मत की अनूठी मिसाल”

पूजा चौहान का लेख
“माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले पहले केन्याई बने एक पूर्व शिक्षक”
मजबूत इरादे और साहस से आप क्या नहीं पा सकते ये मिसाल पूरी की है, 62 वर्षीय सेवानिवृत्त जेंम्स कागांबी’ ने। उन्होंने उम्र को मात देकर 40 दिनों की भीषण यात्रा के बाद गुरुवार 12 मई 2022 को 29,032 फीट की चोटी पर पहुंच कर एक इतिहास बनाया।
जेम्स कागांबी जो एक माउंटेन एक्सपेंडेशन के संस्थापक और मालिक है, पर्वतारोहियों के एक समूह फुल सर्कल के साथ ही यात्रा पर गए थे।
कागांबी ने दुनिया के सात सबसे ऊंचे शिखरों मे से तीन पर चढ़ाई की है। नैरोबी में चीनी दूतावास ने कहा ‘हम इस अद्भुत उपलब्धि पर उन्हें मानते हैं और बधाई देते हैं’।
कागांबी ने चीनी मार्ग-कोमोलांगमा के माध्यम से दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ाई की। पेशे से एक सेवानिवृत्त शिक्षक 1987 में फील्ड इंस्ट्रक्टर के रूप में नेशनल आउटडोर लीडरशिप स्कूल में शामिल हुए थे। वह अफ्रीका, चिल्ली, यूएसए में बैकपैकिंग चढ़ाई और पर्वतारोहण प्रशिक्षक रहे हैं।
जेम्स कागांबी ने दुनिया के साथ ऊंचे शिखर में से तीन पर चढ़ाई की है और 1992 में उन्होंने स्विट्जरलैंड के एइगर पर दुनिया के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति चढ़ाई में अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया था। वह 12 दिसंबर 2013 को माउंट केन्या के बटालियन शिखर पर पहुंचने वाले 5 पर्वतारोहियों में शामिल थे। आजादी के 50 साल पूरे होने पर उन्होंने केन्याई झंडा फहराया।
जेम्स कागांबी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्होंने दूसरों को प्रेरित किया। “मुझे नहीं पता था कि मैं अपने बुढ़ापे और अपने कमजोर घुटनों के साथ इसे इतना आगे बढ़ाऊंगा, लेकिन मैंने खुद को अगले स्तर पर धकेल दिया।”
दृढ़ संकल्प और मजबूत इरादों से जीवन में किसी भी समय सूर्य उदय हो सकता है।
इसका सच्चा और जीता जागता उदाहरण जेम्स बने, जिन्होंने न जाने कितने लोगों को उम्र को मात देने की प्रेरणा दी है साथ ही उम्र की सीमा के परे जाकर कुछ अलग कुछ अनूठा कर जाने का रास्ता भी दिखाया है और पूरे विश्व में अपने देश का नाम रोशन किया है।