जल ही जीवन है, जल बिन जीवन संभव नहीं

रंजू गुप्ता द्वारा लिखी कविता
सेव वाटर ,सेव एनर्जी
कब तक करते रहेंगे अपनी मनमर्ज़ी
जल को वयर्थ न गँवाय
अब तो अपनी चेतना को चेताय
पूर्वजों से मिला है जो खज़ाना
क्यों इसको व्यर्थ में लुटाना
जल नहीं है रिन्यूएबल रिसोर्स
बेकार न करे एक भी ड्रॉप
पानी नहीं बचाएगें
तो आने वाली पीढ़ी को क्या दे जाएगें
प्रकृति का क़र्ज़ चुकाना है
अपने हिस्से का जल ही प्रयोग में लाना है
आज कुछ स्टेट में समस्या है
कल अपना भी यही भविष्य है
अभी भी वक्त है संभल जाय
इस समस्या से मिलकर निपट पाए
न जाने कैसा समय आऐ
कल पानी की एक बूँद को तरस जाए
डायनासोर नहीं हमने देखा इसका है हमे मलाल
पानी बेकार करने में बोलो क्या है कमाल
आएगा धरती पर विनाश का ै ऐसा सैलाब
सोचो इसका किसके पास होगा जवाब
सोचो होगा किसके पास जवाब