शहीद की अनोखी विदाई

पूजा चौहान का लेख
कुछ घटनाएं जीवन में साहस को नयी परिभाषाएं देती हैं।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं क्षेत्र के सैऊ निवासी 21 वर्षीय अंकेश भारद्वाज, अरुणाचल के कामेंग सेक्टर में 6 फरवरी 2022 को हिमस्खलन की चपेट में आये सात जवानों में शामिल थे।
बलिदानी अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह घर पर जब पहुंची तो घर की सजावट कुछ ऐसे की गयी थी कि मानो कोई शादी समारोह हो। यह फौजी पिता बांचा राम की इच्छा थी कि बेटे अंकेश को दूल्हे की तरह अंतिम विदा करें। स्वयं दूल्हे के पिता की तरह पगड़ी पहनकर बांचा राम अपने शहीद बेटे की अंतिम विदाई में शामिल हुए।
जहाँ पिता बांचा राम बेटे के लिए सेहरा लेकर आये वहीँ माँ कश्मीरा देवी नोटों से बने हार के साथ आयीं और ताबूत में लेटे बेटे को पहना दिया। माता पिता ने साहस की पराकाष्ठा करते हुए वीर पुत्र अंकेश को बिना अश्रुधारा बहाये विदा किया।
यह मार्मिक दृश्य देख कर वहां आये सभी लोग विस्मित थे और सभी की आँखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
पिता बांचा राम उपस्थित भीड़ के साथ भारत माता की जय के नारे लगाते हुए मोक्ष धाम पहुंचे जहाँ इस वीर सपूत का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
देश के प्रति ऐसा समर्पण और अपार प्रेम देख हर भारतवासी परिवार को नमन करता है।
Kabhi kabhi ye smjh nhi aata ki shaheed ke parivaar ke log itni himmat kaise le aate hai.. sath sath naman 🙏🏼🙏🏼
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