नेताजी सुभाष चंद्र बोस – एक अविस्मरणीय घटना

पूजा चौहान का लेख
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक उड़ीसा के नामी वकील जानकीनाथ बोस के यहां 23 जनवरी 1897 में हुआ। उनकी माता जी का नाम प्रभावती बोस था । वे बचपन से ही मेधावी छात्र थे उनके पिता जानकीनाथ बोस उन्हें ICS( इंडियन सिविल सर्विसेज) का ऑफिसर बनाना चाहते थे। उन्होने 1916 मे उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसिडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र में बीए में प्रवेश ले लिया। इसी कॉलेज की एक घटना ने उनके जीवन में क्रांति का बिगुल बजा दिया।
एक दिन उन्हें पता चला कि एक अंग्रेज प्रोफेसर ने कॉलेज की लाइब्रेरी में उनके कुछ साथियों के साथ अभद्र व्यवहार किया है तथा उन को धक्का देकर लाइब्रेरी से निकाल दिया। सुभाष सीधा कॉलेज प्राचार्य के कक्ष में गए और अंग्रेज प्रोफेसर के इस दुर्व्यवहार पर अपना विरोध जताया। साथ ही उन्होंने प्राचार्य से आग्रह किया कि अंग्रेज प्रोफेसर को छात्रों से उनके अपमान के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहें। परन्तु प्रचार्य ने ऐसा करने से मना कर दिया।
अगले दिन नेताजी सभी छात्रों को संगठित कर हड़ताल पर बैठ गए। यह समाचार आग की तरह पूरे शहर में फैल गया।छात्रों की इस हड़ताल और विरोध प्रदर्शन को बहुत से लोगों और कई दलों का समर्थन मिला और यह प्रदर्शन बढ़ने लगा। अपने विरुद्ध छात्रों का आक्रोश और स्थिति के गंभीरता को देखकर अंग्रेज प्रोफेसर को आखिरकार झुकना ही पड़ा और सब छात्रों से माफ़ी मांगी।
नेता जी के जीवन में क्रांति का उदय करती एक अविस्मरणीय घटना
इस घटनाक्रम से सुभाष चंद्र बोस के जीवन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ। उन्होंने देखा कि अंग्रेज किस तरह से पूरे देश में भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और गुलामों की तरह उन्हें प्रताड़ित करते हैं। आगे जाकर नेता जी ने देश की आजादी को अपना मूल मंत्र बनाया। नेता जी ने कॉलेज में ही इंडिया डिफेंस फोर्स में शामिल हो कर गुरिल्ला युद्ध सीखा और बंदूक चलाने का भी प्रशिक्षण लिया। यही प्रशिक्षण बाद में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने के काम आया । आजाद हिंद फौज का गठन कर नेता जी ने अंग्रेजों का मुकाबला किया तथा देश की आजादी के नाम अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
आज जब सारा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मना रहा है उस समय भारत के 73 वे गणतंत्र दिवस को सुभाषचंद्र बोस को समर्पित किया गया है। ‘नेता जी के सपनों का गणतंत्र’ यह पल हर देशवासी के लिए गौरवपूर्ण पल है।
Very nice article.
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