मानवता की अद्वितीय मिसाल

पूजा चौहान का लेख
मौसमी मोहंती, उड़ीसा भद्रक के मंदारी गांव निवासी, ने अपनी अच्छी आर्थिक स्थिति ना होने के बाद भी, समाज में मानवता की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की है।
महज शादी के 8 दिनों के बाद, मौसमी के पति, अभिषेक महापात्र (28) को कोरोना हो गया। उसे 13 मई 2021 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हे फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हो गया था।
मौसमी मोहंती की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उपचार के लिए भारी खर्च की आवश्यकता थी। कोई विकल्प नहीं बचा होने पर, मौसमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिया और जनता से वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया। इन प्रयासों से मौसमी के खाते में उपचार के लिए यथासम्भव राशि जमा हो गयी। उनके पति अभिषेक को 7 जून, 2021 को उपचार के लिए कोलकाता ले जाया गया।
लेकिन उसके बाद जो हुआ वह नियति की क्रूर अभिव्यक्ति थी। लगभग तीन महीने तक अदृश्य वायरस के खिलाफ बहादुरी से लड़ने के बाद, 4 सितंबर, 2021 को अभिषेक ने दम तोड़ दिया।
अभिषेक की मृत्यु के पश्चात, मौसमी ने कहा “मैं समय पर की गई आर्थिक सहायता के लिए उन सभी लोगों का दिल से आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने मेरी सहायता की यद्यपि भगवान ने मेरे लिए अन्यथा ही सोचा और उन्हें बचाया नहीं जा सका। यह जनता का पैसा है, इसलिए मैं इसे उन्हें वापस करना चाहती हूँ ताकि संकट में फंसे लोगों की जान बचाई जा सके।“
मौसमी ने स्वजनों के परामर्श के साथ भद्रक जिला अधिकारी को 40 लाख रुपए की राशि सौंपी। उसमें ₹30 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष तथा ₹10 लाख का ड्राफ्ट रेड क्रॉस सोसाइटी फंड के नाम किया।
मौसमी मोहंती का यह कदम अति सराहनीय है।
मौसमी विज्ञान विषय से स्नातक है। बुद्धिजीवियों ने सरकार से मौसमी को उसकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने का निवेदन किया है।
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