साहस व सूझबूझ -‘योगिता सातव’।

पूजा चौहान का लेख
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में एक 42 वर्षीय महिला ने महिलाओं और बच्चों को ले जा रही एक मिनी बस को अपने नियंत्रण में उस वक्त ले लिया जब उसका ड्राइवर अचानक ही दिल का दौरा पड़ने से मूर्छा में जाने लगा। 7 जनवरी को हुई इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है इसमें महिला मिनी बस चलाती दिख रही है। लोग इस महिला की बहादुरी और सूझबूझ की सराहना कर रहे हैं।
महिला योगिता सातव पुणे के पास शिरूर में एक कृषि पर्यटन केंद्र में पिकनिक मनाने के बाद अन्य महिलाओं और बच्चों के साथ एक बस में यात्रा कर रही थी। यात्रा के दौरान चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसने वाहन को बीच सड़क में रोक दिया। यह सब देख कर बस में सवार महिलाओं और बच्चों में घबराहट फैल गयी। इसी घबराहट में कुछ बच्चे रोने भी लगे और बस में अफरा-तफरी मच गयी। इस संकट की परिस्थिति में इस महिला ने स्टेरिंग पर नियंत्रण कर सबसे पहले बस को अपने कमान में लिया।
योगिता सातव ने कहा, क्योंकि मैं कार चलाना जानती थी, इसलिए मैंने बस को स्वयं संभालने का फैसला किया। पहला महत्वपूर्ण काम था, बस के ड्राइवर को उचित इलाज कराना इसलिए मैंने सबसे पहले नजदीकी अस्पताल पहुंचकर उसको वहां भर्ती करा दिया।
इस संकट की घडी में योगिता सातव के धैर्य और सूझबूझ से ही ड्राइवर को समय पर आवश्यक चिकित्सा उपचार मिल पाया। 10 किलोमीटर तक मिनी बस चलाने वाली इस महिला ने अन्य यात्रियों को भी उनके गंतव्य तक पहुंचाया। योगिता सातव को सभी सवारियों ने बहुत धन्यवाद दिया और उनके साहस की बहुत प्रशंसा की।
Nice 👍👍
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Congrats Di..way to go❣️
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Keep going.. ✌️
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Kind and wise act. Salute to Ms. Yogita
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Kudos to the brave lady.Well written article,congrats didi
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Good Going
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