कोमल नेहा

प्रेरणा मेहरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित।
एक गायिका के लिए कवयित्री के भाव।
कोमल की कोमल सी आवाज़ को सुन,
ये दिल भी, मेरा ख़ुशी से झूम जाता है।
उनका गायन, उनके दिल का स्वाभाविक रूप है।
जिसे शब्दों में, बयान मुझसे किया नहीं जाता है।
संगीत के प्रति, उनकी कोमल भावना,
परिशुद्ध प्रेम सी प्रतीत होती है।
हर गीत में उनके, शब्दों और संगीत से अधिक,
उनकी आत्मा, सच्ची भावनाओ के मोती पिरोती है।