कोविद -19: एप्पल के बाद, अब गूगल भी अपना खुद का फेस शील्ड बना रहा है।

प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित, शाहिद की जानकारी पर आधारित।
एप्पल के बाद अब गूगल ने भी अमेरिका में अपने निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) के संस्करण का वितरण शुरू कर दिया है। खोज के दिग्गज गूगल ने ऐसा बताया है कि लगभग 49,000 फेस शील्ड उनके द्वारा दान की गई है, जिन्हें गूगल इंजीनियरों द्वारा डिज़ाइन और इकट्ठा किया गया था। कंपनी ने स्पष्ट रूप से अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का उपयोग बढ़िया प्लास्टिक, लोचदार और फोम के स्रोत के लिए किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिक के माथे पर लगने वाला फेस शील्ड का हिस्सा उपयोग के घंटों के बाद निशान ना छोड़े।
यह भी बताया गया है कि फेस शील्ड गूगल इंजीनियर द्वारा सांता क्लारा वैली मेडिकल सेंटर हॉस्पिटल्स एंड क्लिनिक में चिकित्सकों और नर्सों से परामर्श करने के बाद बनाया गया था।
गूगल सांता क्लारा काउंटी में अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग सुविधाओं और अन्य उच्च जोखिम वाले वातावरण में इन फेस शील्ड का वितरण करेगा। सांता क्लारा काउंटी के पर्यवेक्षकों के अध्यक्ष सिंडी शावेज़ ने कहा,कि “गूगल सांता क्लारा काउंटी में हमारे सबसे अधिक कठिन समय में अपने कदम आगे बढ़ाकर हमारी सहायता कर रहा है।” “हमारे समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने के लिए धन्यवाद।”

वैली मेडिकल सेंटर फाउंडेशन के सीईओ क्रिस वाइल्डर ने कहा कि, ये फेस शील्ड लोगों की जान बचाने में मदद करेंगे।”हमें इस संकट की घड़ी में लोगों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है और गूगल का दान हमें ऐसा करने में मदद कर रहा है।”
गूगल द्वारा यह कदम एप्पल द्वारा फेस शील्ड पेश करने के कुछ दिनों बाद आया है। आई फ़ोन निर्माता ने हाल ही में, सुरक्षात्मक गियर बनाने की अपनी प्रक्रिया का खुलासा किया ताकि अन्य इसे भी विकसित कर सकें।
गूगल और एप्पल दोनों पहले से ही एक साथ काम कर रहे हैं, आईफ़ोन और एंड्रॉइड स्मार्टफ़ोन में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का उपयोग करते हुए कोविद -19 प्रसार को रोक सकते हैं। इसके पीछे का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को यह बताना है कि उनके पास कोई संक्रमित व्यक्ति है या नहीं। टेक हैंडसेट के लोकेशन डेटा और ब्लूटूथ दोनों का उपयोग करने वाला है।इस समस्या से लड़ने के लिए लोकेशन डेटा और हैंडसेट के ब्लूटूथ दोनों तकनीक का उपयोग किया जायेगा।
ऐसे समय में जब दुनिया को कोविद-19 की महामारी ने अपने आगोश में ले रखा है, गूगल और एप्पल द्वारा इस महामारी से लड़ाई में अपनी अपनी योजनाओ से दुनिया को इससे बचाने की एक पहल की गई है। ऐसे में तकनीकी रूप से सक्षम अन्य बड़े बड़े संस्थानों द्वारा भी इससे बचाव की कोशिशों हेतु पहल होनी चाहिए, क्योंकि इस महामारी को हराने के लिए पूरे विश्व के तकनीकी संस्थानों को एक जुट होकर काम करना होगा और हम सब एक साथ होकर ही इस महामारी से जीत पायेंगे।