National PanchayatiRaj Day

प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित.
उम्मीदो की जब पंचायत बैठी,
वास्तिविकता, सर झुका कर,
धीरे से अपनी बात कह बैठी।
मैं अकेली सबकी उम्मीदो पर,
खरा कैसे उतर पाऊँगी?
जो एक की मानी,तो दूजे को ,
न चाह कर भी चोट पहुँचाऊँगी।
इस बात की गहराई को समझ,
पंचायत को भी वास्तिविकता पर तरस आया।
वास्तिविकता को इंसाफ देने के लिए,
फिर सरपंच को बुलाया।
सरपंच ने वास्तविकता की,
बात की गहराई को समझ कर,
वास्तविकता को वास्तविकता में,
रहने को कहकर इंसाफ दिलाया।
Awesome sister
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Sabar rkh upr wle k der h andher nhi
Tu bas karam kr fal khud milega
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