गुजरात: छोटा उदेपुर में पूरे गाँव का कर भार सरपंच विशाल पटेल ने अपनी जेब से देने का फैसला किया।

प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित, शाहिद की जानकारी पर आधारित।
वड़ोदरा: कोरोना महामारी और कठोर लॉकडाउन के कारण, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने उत्पीड़ित नागरिकों को कुछ राहत देने के लिए करों का भुगतान करने की समय सीमा बढ़ा दी है। लेकिन, उसी समय, कुछ मुट्ठी भर समर्थ लोगो ने एक कदम आगे बढ़कर समाज में खुद को एक आदर्श बनाया।उन चुनिंदा लोगो में से एक सरपंच विशाल पटेल है।
छोटा उदेपुर के एक गाँव के 32 वर्षीय सरपंच विशाल पटेल ने ऐसे वक़्त में 250 परिवारों का राजस्व कर या जल कर का भुगतान, जो कि 1.5 लाख रुपये है देने का फैसला किया,उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि सांईखेड़ा तालुका के हंडोद गांव में किसीको भी वित्तीय तनाव ना हो, इसलिए पटेल ने अपनी जेब से पूरे कर का बोझ उठाने का फैसला किया है।
”पटेल , जो लगभग तीन साल पहले चुने गए थे, ने कहा मैं भी एक किसान हूं और मेरी फसलें भी मेरे खेत में सड़ रही हैं। इसलिए, मैं अन्य असहाय किसानों की परिस्थिति को समझ और उनके संग सहानुभूति रख सकता हूं। कर की माफ़ी बेशक ग्राम पंचायत पर बोझ होगा, इसलिए, चूंकि मेरे पास पर्याप्त संसाधन हैं, मैंने यह कदम उठाने का फैसला किया।
पटेल ने कहा, “हमारा गांव, हालांकि काफी छोटा है लेकिन तालाबंदी की वजह से प्रभावित हुआ है क्योंकि फसल को काटने और खलिहान तक पहुंचाने के लिए खेत मजदूर नहीं हैं और न ही कोई परिवहन साधन उपलब्ध हैं,” पटेल ने यह भी बताया कि, संकट के समय किसानों की आय में भारी कमी आई है ।
उन्होंने कहा कि “लॉकडाउन ने मांग को काफी कम कर दिया है और किसान उत्पाद को अन्य राज्यों में नहीं भेज पा रहे हैं। हमें प्रति क्विंटल केले के लिए 200 से 250 रुपये मिलते थे, लेकिन अब हम उन्हें 50 रुपये में बेचने को मजबूर हैं।ग्रामीण मुख्य रूप से केले, कपास, मूंगफली और मक्का की खेती करते हैं।
अब तक, जिले के सांईखेड़ा क्षेत्र में कोरोनावायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन पटेल ने यह सुनिश्चित किया कि बुरे समय में भी वह अपने ग्रामीणों के साथ खड़े रहेंगे। पटेल ने टीओआई को बताया, “भगवान ना करे, अगर हमारे गाँव में कोरोनावायरस की वजह से कोई मौत होती है, तो पीड़ित के परिवार को 21,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा।”
गर्व है हमे इस वीर पर जो मुसीबत के वक़्त मसीहा बनकर अपने गांव वालो के साथ खड़ा है।विशाल पटेल जी का यह कृत्य वाकई अविस्मरणीय रहेगा।