अम्बेडकर जयंती

प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित.
भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर को बाबासाहेब, डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है। वह भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय के अनुसार विश्व स्तर के वकील, समाज सुधारक और नंबर एक विश्व स्तरीय विद्वान थे।भीमराव अम्बेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. आज उनकी याद में पर्व के रूप में भारत समेत पूरे संसार में अम्बेडकर जयंती मनाई जाती है। इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकी जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले आंबेडकर को समानता के प्रतीक और ज्ञान के प्रतीक माना गया है।
अम्बेडकर जयंती के उपलश्य में आज डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन के पन्नो को पलटते है और एक झलक डालते है उनकी उपलब्धियों पर।

- डॉ बाबासाहेब अंबेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे।
- बाबासाहेब की निजी लाइब्रेरी “राजगीर” में 50,000 से अधिक पुस्तकें शामिल थीं और यह दुनिया की सबसे बड़ी निजी लाइब्रेरी थी।
- डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा, उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक दुनिया के सभी धर्मों का तुलनात्मक तरीके से अध्ययन किया।
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में, बाबासाहेब ने सिर्फ 2 साल 3 महीने में 8 साल की पढ़ाई पूरी की। इसके लिए उन्होंने रोजाना 21 घंटे पढ़ाई की।
- दुनिया भर में, डॉ बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर लिखे गए सबसे अधिक गाने और किताबें है।
- “महंत वीर चंद्रमणि”, एक महान बौद्ध भिक्षु जिन्होंने बौद्ध धर्म से बाबासाहेब का परिचय कराया ,उन्होंने बाबासाहेब को “इस युग का आधुनिक बुद्ध” कहा।
- 1954 में, काठमांडू, नेपाल में आयोजित “विश्व बौद्ध परिषद” में बौद्ध भिक्षुओं ने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर को बौद्ध धर्म का सर्वोच्च पद “बोधिसत्व” दिया था। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “द बुद्ध एंड द धम्मा” भारतीय बौद्धों का “धर्मग्रंथ” है।
- डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने तीन महापुरुषों, भगवान बुद्ध, संत कबीर और महात्मा फुले को “प्रशिक्षक” माना था।
- “द मेकर्स ऑफ द यूनिवर्स” नामक एक वैश्विक सर्वेक्षण के आधार पर पिछले 10 हजार वर्षों के शीर्ष 100 मानवतावादी लोगों की एक सूची ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई थी, जिसमें चौथा नाम डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर का था।
- बाबासाहेब पिछड़े वर्ग से पहले वकील थे.
- कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में दुनिया के शीर्ष 100 विद्वानों की सूची बनाई और उस सूची में पहला नाम डॉ भीमराव अंबेडकर का था।
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