स्कूल प्रिंसिपल द्वारा लिखा गया पत्र-हर छात्र अनोखा है।
प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता द्वारा लिखित, शाहिद क़ाज़ी की जानकारी पर आधारित
कुछ ही दिनों में 15 फरवरी से सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 2020, कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए शुरू होने वाली हैं। कई छात्रों और अभिभावकों के लिए, परीक्षा का यह समय सबसे अधिक तनावपूर्ण समय में से एक है।
हालांकि, जैसे छात्र खुद को इस वक़्त में तनाव में पाते हैं, यह उनके माता-पिता के लिए भी अत्यंत मुश्किल वक़्त होता हैं लेकिन खुदको ज़्यादा तनाव में ना डाल कर वह अपने बच्चो को भी आराम सें परीक्षा की तैयारी करने में मदद कर सकते हैं। संभवतया उस तथ्य पर जोर देने के लिए और माता-पिता को याद दिलाने के लिए,दम्मन, सउदी अरब इंटरनेशनल इंडियन स्कूल के प्रिंसिपल ने एक पत्र लिखा है। पत्र को सोशल मीडिया की सराहना मिली है और अब इसे कई लोगों द्वारा साझा किया जा रहा है।
एक फेसबुक यूजर फाजू फारूक ने प्रिंसिपल की सराहना करते हुए उनका भेजा पत्र साझा किया और उनके विचारो पर अपनी सहमति जताई। अपने पोस्ट के माध्यम से उन्होंने छात्रों के माता पिता से पूछा क्या आप वास्तव में अपने बच्चे को उसकी प्रतिभा विकसित करने में मदद कर रहे हैं? इस महान संदेश के लिए इंटरनेशनल इंडियन स्कूल (दम्मम) के प्रिंसिपल को सलाम, ”उन्होंने कैप्शन में लिखा।
पत्र की पहली पंक्ति अभिवादन के साथ शुरू हुई। फिर माता-पिता और छात्रों दोनों द्वारा महसूस की गई चिंता के बारे में बात करते हुए प्रिन्सिपल ने लिखा आपके बच्चों के बोर्ड की परीक्षा जल्द ही शुरू होने वाली हैं। मुझे पता है कि आप सभी अपने बच्चो से परीक्षा में बहुत ही अच्छा करने की आशा रखते है।
पत्र में आगे उन्होंने कहा कि शीर्ष अंक प्राप्त करने वाला बच्चा अच्छा है, लेकिन अगर कोई भी कम स्कोरिंग करे तो ये भी चिंता का कारण नहीं है। फिर प्राचार्य अभिभावकों से आग्रह करते हैं कि यदि उनके बच्चे उच्च स्कोर करने में असफल होते हैं तो छात्रों के “आत्मविश्वास और गरिमा को कम नहीं होने दे.इसके अलावा, माता-पिता को अपने बच्चों को आश्वस्त करने के लिए भी कहते हैं कि उन्हें प्यार किया जाएगा और उन्हें हर हाल में समझा जाएगा, भले ही परीक्षा का परिणाम कैसा भी हो.
यह पत्र एक मीठे नोट के साथ समाप्त हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि यदि माता-पिता ऐसा करते हैं तो एक दिन वे अपने बच्चों को “दुनिया पर विजय प्राप्त करते देखेंगे।
कोई आगे है तो कोई पीछे,
मुसीबत से डर कर तू क्यों अपनी अंखिया मीचे?
आज पीछे, है भले ही नीचे,
निकलेगा आगे, जो तू अपनी क्षमताओं को सींचे।