भारत से डर किस को ?

इस बार मसला और भी नाजुक है भारत और मित्र देशों के बीच मतभेदों की खाई खोदने का !
संदर्भ है : स्वीडन के king Carl XVI Gustaf और Queen Silvia की भारत यात्रा ! और प्रयास है विदेशी गंदगी पर लार टपकाती मक्खियों द्वारा सामरिक व अन्य महत्त्व महत्वपूर्ण समझौतों की संभावना में पलीता लगाने का ।
एक विदेशी अखबार में छपे लेख के कुछ अंश,” it is difficult to believe that Sweden is unaware of the fact that under Modi,India since 2014, is witnessing growing intolerance and increasing incidents of violence againt minorities. Muslims and Dalits are being publicly lynched regularly.
यह महाशय यहीं नहीं रुके। इन्होंने ईसाईयों को भी लपेट लिया, “violence against Christians and act of arson against Church properties have increased significantly”
लेखक का मुखौटा लगाए यह कोई Ashok Swain , इनके पेट में दर्द इसलिए है कि जब स्वीडन के चीन से संबंधों में कड़वाहट है, तो फिर वह भारत से अच्छे संबंध क्यों रखना चाहता है ?
और इस घिनौनी मक्खी की हिम्मत देखिए : Walk the talk का सहारा लेते हुए इसने स्वीडन को सलाह दी कि कश्मीर सहित इन सभी मुद्दों पर भारत से जवाब तलब किए बिना वह अपने saab Gripen fighter aircraft (जो 114 fighter planes को टक्कर देने में सक्षम है ) को भारत को बेचने का समझौता ना करें।
उद्देश्य है भारत को जितना हो सके सामरिक तौर पर कमजोर रखा जाए।
अब यह किसके इशारे पर हो रहा है, हम भी जानते हैं और आप भी। बस, नहीं जानती तो केवल भारत सरकार ! अब उसे कौन चेताए ?