चले गये तुम तो ! — लेखिका प्रेरणा मेहरोत्रा गुप्ता

प्रेरणा मेहरोत्रा गुप्ता की कविता
चले गये तुम तो अपनी यादें छोड़ कर,
रह गये, तुम्हारे अपने देखो, वही उसी मोड़ पर.
तुम्हारे बलिदान का क़र्ज़, अब हमे चुकाना है,
अपनी क्षमताओं को जगाकर, तुम्हे इंसाफ दिलाना है।
चले गये तुम तो, अपने प्राणो की बली देकर,
देश सुरक्षा का संकल्प, अपने संग लेकर,
अब तुम्हारे संकल्प की ज़िम्मेदारी है हमारी,
मर कर भी ए मेरे देश के नौ जवान,
हुई जीत तो केवल तुम्हारी।
चले गये तुम तो, एक अंजान दुनियां की राहो में,
देश का दर्द भी, दर्द में लेकर अपनी बाहो में,
जिस दुनियां में गये, वहां तुम्हें बस सुकून ही मिले।
हर जन्म में तुम्हारी राहो में अब बस सुकून के फूल ही खिले।
चले गये तुम तो अपनी यादें छोड़ कर,रह गये,
तुम्हारे अपने देखो, वही उसी मोड़ पर.
दिल को छू लिया आपकी पंक्तियाँ।दर्द को बखूबी दर्शाया आपने।
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